जेल की सलाखों के पीछे क़ैदियों की अपनी विचित्र दुनिया होती है. इसमें रोजमर्रा की चीजों का लेन-देन होता है.
नशीली चीजों के सौदे होते हैं.
वहां कर्ज़ का हैरान करने वाला दुष्चक्र भी होता है, जिससे क़ैदियों का बचना मुश्किल है.ये कैटरमोल की किताब "प्रिजन: अ सर्वाइवल गाइड" के हिस्से हैं. एबरी प्रेस से छपी यह किताब हाल में ही बाज़ार में आई है.
कुछ दिन पहले तक (जेल में) तंबाकू मुद्रा की एक छोटी ईकाई हुआ करती थी, जब तक कि इसे प्रतिबंधित नहीं कर दिया गया.
इसलिए अब मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूं कि जेल के उन कारोबारी क़ैदियों के दिन लद गए जो गोल्डन वर्जीनिया (तंबाकू) के पैकेट ऐसे सजाकर बैठते थे मानो कि वे सोने के बिस्कुट हों.
नये कारोबारी (क़ैदी) टिन में पैक मछली और साबुन-तेल के पैकेट लेकर बैठते हैं. स्टॉक इतना कि आप उनके सेल की खिड़की भी नहीं देख पाएंगे.
यह कुछ-कुछ एस्टेरिक्स और ओबेलिक्स के गांव में रहने जैसा है- सबका अपना छोटा उद्यम है.
टूना (मछली) के एक या दो टिन के बदले रसोई के कर्मचारी आपको कुछ काली मिर्च या जड़ी-बूटियों की तस्करी कर देंगे.
कपड़े धोने और समेटकर रखने वालों को अगर आपने एनर्जी ड्रिंक पिलाई तो बदले में वे यह सुनिश्चित करेंगे कि आपके कपड़े सच में साफ हों.
जेल वार्ड में सामान बदलने के प्रभारी को अगर आपने कुछ नूडल्स दिए तो वह सुनिश्चित करेगा कि आपको बिछाने के लिए जो चादर मिले वह दाग-धब्बों से पूरी तरह ढंका हुआ न हो.
हेयरड्रेसर का भाव थोड़ा ज़्यादा है. मुलाकातियों से मिलने के पहले सभी लोग (क़ैदी) चाहते हैं कि वे सुंदर दिखें. उनकी दाढ़ी और बाल अच्छे से कटे हों. इसलिए हेयरड्रेसर टूना और शावर जेल के बिना नहीं मानते.
मैं कैंची खरीदने और विंग का नाई बनने की सलाह दूंगा, लेकिन चेतावनी है कि टूना हासिल करने के लिए झड़पें हो सकती हैं (यह मज़ाक नहीं है).
फिर थोड़ी ज़्यादा क़ीमत की चीजें हैं. स्थानीय कलाकार आपके लिए बर्थ-डे कार्ड बना सकते हैं, लव लेटर या गेट वेल सून कार्ड तैयार कर सकते हैं.
कारीगर आपके लिए माचिस की तीलियों और गोंद से दराज बनाकर दे सकते हैं.
जेल में अवैध शराब भी मिल सकती है, जिसकी क़ीमत गुणवत्ता के आधार पर करीब 10 पाउंड (क़रीब 850 रुपये) प्रति लीटर तक हो सकती है.
महंगे सामान जैसे कि नशीली चीजें, तंबाकू या स्टीरियो सेट के पैसे जेल की चारदीवारी से बाहर दिए और लिए जाते हैं.
50 ग्राम तंबाकू की कीमत 500 पाउंड (क़रीब 43,000 रुपये) तक हो सकती है!
खरीदार का दोस्त बेचने वाले के दोस्त को जेल के बाहर पैसे का भुगतान करेगा और पैसे मिलते ही जेल में खरीदार को सामान सौंप दिया जाएगा.
वास्तव में, कई लोग जेल जाते सिर्फ़ इसलिए हैं कि कुछ पैसे कमा सकें या कर्ज चुका सकें.
वे जितना मुमकिन हो, उतना ड्रग्स निगल लेते हैं और जानबूझकर गिरफ्तार हो जाते हैं ताकि जेल के विंग में ड्रग्स बेच सकें.
यह जीवन-शैली आपकी सोच से ज़्यादा विचित्र है. कोई भी ऐसा नहीं करता जब तक कि उनको वास्तव में इसकी ज़रूरत न हो (या उनको मजबूर न किया गया हो).
जेल से बाहर की दुनिया में कर्ज़ देने वाली दुकानें हैं, सटोरिये हैं, बैंक हैं. जेल में उनकी जगह मठाधीश क़ैदी हैं, जो डबल बबल स्कीम के तहत पैसे उधार देते हैं.
डबल बबल स्कीम अपने नाम की तरह ही है. आप कुछ उधार लेते हैं (नशे की चीज़, तंबाकू की पुड़िया, दर्द निवारक, खाना या साबुन-तेल वगैरह) तो अगले हफ्ते आपको उसका दोगुना चुकाना होगा.
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